tag:blogger.com,1999:blog-6443962733140280366.post1515082020401077463..comments2021-09-21T10:03:33.588+05:30Comments on अल्लम् गल्लम् --- : व्यंग्य 13 : रावण नहीं मरता.....आनन्द पाठकhttp://www.blogger.com/profile/00352393440646898202noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6443962733140280366.post-57243194867508918912009-12-02T19:16:42.212+05:302009-12-02T19:16:42.212+05:30जबर्दस्त..क्या लिखते हैं आप..और कितनी कुशलता से सा...जबर्दस्त..क्या लिखते हैं आप..और कितनी कुशलता से साध लेते हैं इतने सारे प्रतीक..आनंद आया..पढ़ कर..<br>हाँ समीक्षा और स्वप्न वाले दोनो सीक्वेंस अलग-अलग रचनाएं हो सकते थे..बीच मे थोड़ी से विषयविमुखता सी आती लगी...Apoorvhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.com